चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में अवैध विकसित प्लॉट्स, कॉलोनियों और औद्योगिक इकाइयों को सुव्यवस्थित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने ‘हरियाणा मैनेजमेंट ऑफ सिविक अमेनिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेफिशिएंट म्युनिसिपल एरियाज (स्पेशल प्रोविज़ंस) एक्ट, 2016’ में अहम संशोधन करते हुए नए प्रावधान लागू कर दिए हैं।
इस संबंध में शुक्रवार को जारी अधिसूचना में बताया गया है कि यह अधिनियम अब हेरियाणा एक्ट नंबर 26 ऑफ 2025 के रूप में लागू होगा। नए संशोधन में सबसे अहम प्रावधान सेक्शन 5ए के रूप में जोड़ा गया है। इसके तहत कोई भी अवैध औद्योगिक इकाई अपना आवेदन ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करेगी, तो आवेदन की तारीख से उसके खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई स्वतः स्थगित मानी जाएगी।
हालांकि, यह राहत उन मामलों पर लागू नहीं होगी, जो अदालत में लंबित हैं। इस संशोधन में ‘उद्यमी’ और ‘उद्यम’ जैसे शब्दों को परिभाषित करते हुए स्पष्ट किया गया है कि यह वही परिभाषाएं होंगी जो हरियाणा एंटरप्राइजेज प्रमोशन एक्ट, 2016 में निर्धारित हैं। धारा 2 में संशोधन कर अनधिकृत विकास और अनधिकृत प्लॉट की कानूनी परिभाषाएं जोड़ी गई हैं।
इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि जो भी क्षेत्र नगर निगम अधिनियम, नगर विकास कानून और अन्य संबंधित नियमों का उल्लंघन करते हुए विकसित हुए हैं, वे इस श्रेणी में आएंगे। सरकार के इस संशोधन को उन हजारों औद्योगिक इकाइयों और आवासीय क्षेत्रों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, जो अब तक नियमों के दायरे में नहीं थे। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पारदर्शिता और तेज निष्पादन की उम्मीद है।
सड़कों का स्वामित्व अब नगर निकाय के पास
नए प्रावधान सैक्शन 6ए के तहत यह व्यवस्था लागू होगी कि संबंधित क्षेत्रों के लेआउट प्लान में दर्शाई गई सड़कें और मार्ग अब नगर निकायों की संपत्ति माने जाएंगे और उन्हें पब्लिक स्ट्रीट घोषित किया जाएगा। इससे भविष्य में इनके रख-रखाव और चौड़ीकरण की राह आसान होगी।
सरकार का नियंत्रण और निर्देश लागू होंगे
सेक्शन 6बी जोड़कर यह स्पष्ट किया गया है कि इस कानून के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर सकेगी और अर्बन लोकल बॉडीज़ विभाग के निदेशक को इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
